श्री भगवान कहतेहैं– सुमुखि ! अब मैंछठे अध्याय का माहात्म्य बतलाता ह ूँ, जिसेसुननेवाले मनुष्यों
के ललए मुजतत करतलगत हो िाती है| गोदावरी नदी के तट पर प्रततष्ठानपुर (पैठण) नामक एक ववशाल
नगर है, िहाूँमैंवपप्लेश के नाम से ववख्यात होकर रहता ह ूँ | उस नगर में िानश्रुतत नामक एक रािा
रहते थे, िो भ मण्डल की प्रिा को अत्मयन्त वप्रये थे | उनका प्रताप माततण्ड-मण्डल के प्रचण्ड तेि के
समान िान पड़ता था | 

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A WordPress Commenter · 30 December 2023 at 08:23

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