श्री भगवान कहते हैंहे देवी! अब सब लोगों द्वारा सम्माननत पााँचवें अध्याय का माहात्मम्य संक्षेप में
बतलाता ह ाँ, सावधान होकर सुनो | मद्र देश में पुरुकुत्मसपुर नामक एक नगर है | उसमें पपगं ल नामक
एक ब्राह्मण रहता था | वह वेदपाठी ब्राह्मणों के पवख्यात वंश में, जो सववदा ननष्कलंक था, उत्मपन्न
हुआ था, ककंतुअपने कुल के ललए उचचत वेद-शास्त्रों के स्त्वाध्याय को छोड़कर ढोल बजाते हुए उसने
नाच-गान में मन लगाया | गीत, नत्मृय और बाजा बजाने की कला में पररश्रम करके पपगं ल ने बड़ी
प्रलसद्धी प्राप्त कर ली और उसी से उसका राज भवन में भी प्रवेश हो गया | अब वह राजा के साथ रहने
लगा |

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