Bhagwat Katha Day 5

https://youtube.com/watch?v=-Xk9ZNFIaeY श्री भगवान कहते हैंहे देवी! अब सब लोगों द्वारा सम्माननत पााँचवें अध्याय का माहात्मम्य संक्षेप मेंबतलाता ह ाँ, सावधान होकर सुनो | मद्र देश में पुरुकुत्मसपुर नामक एक नगर है | उसमें पपगं ल नामकएक ब्राह्मण रहता था | वह वेदपाठी ब्राह्मणों के पवख्यात वंश में, जो सववदा ननष्कलंक Read more…

Bhagwat Katha Day 4

https://www.youtube.com/watch?v=p4Kb2VZZ6Ac&t=69s श्रीभगवान कहते हैं- प्रिये ! अब मैंचौथे अध्याय का माहात्म्य बतलाता ह ूँ, सुनो | भागीरथी के तट परवाराणसी(बनारस) नाम की एक पुरी है | वहाूँ प्रवश्वनाथजी के मन्दिर में भरत नाम के एक योगननष्ठमहात्ममा रहते थे, जो िनतदिन आत्ममचचदतन में तत्मपर हो आिरप वकव गीता के चतुथव अध्याय Read more…

Bhagwat Katha Day 3

https://www.youtube.com/watch?v=rBub6sk5XGo श्री भगवान कहतेहैं- प्रिये ! जनस्थान में एक जड़ नामक ब्राह्मण था, जो कौशिक वंि में उत्पन्न हुआथा । उसने अपना जातीय धमम छोड़कर बननये की वत्ृत्त में मन लगाया । उसे परायी त्स्ियों के साथव्यशिचार करने का व्यसन पड़ गया था । वह सदा जुआ खेलता, िराब पीता Read more…

Bhagwat Katha Day 2

भगवान इस अवतार को यज्ञावतार व संतोष का अवतार माना जाता है। वर जिसका मतलब होता है श्रेष्ठ और अह जिसका मतलब होता है दिवस इन दोनों शब्दों को मिलाकर ही बना है वराह। परन्तु फिर प्रश्न आता है आखिर दिवस श्रेष्ठ कौन है ? तो गुरु भगवान कहते है Read more…

Bhagwat Katha Day 1

तुंगभंगा नदी के किनारे के एक गांव था वहां पर आत्म देव नाम का एक ब्राह्मण और उसकी पत्नी धुंधली रहती थी आत्म देव तो सज्जन था लेकिन उसकी पत्नी दुष्ट प्रवृति की थी। आत्म देव बहुत उदास रहता था क्योंकि उसको कोई संतान नहीं हो रहा था। और बहुत Read more…

Bhagwat Katha Day 6

https://www.youtube.com/watch?v=b8dyW-EQMB0 श्री भगवान कहतेहैं– सुमुखि ! अब मैंछठे अध्याय का माहात्म्य बतलाता ह ूँ, जिसेसुननेवाले मनुष्योंके ललए मुजतत करतलगत हो िाती है| गोदावरी नदी के तट पर प्रततष्ठानपुर (पैठण) नामक एक ववशालनगर है, िहाूँमैंवपप्लेश के नाम से ववख्यात होकर रहता ह ूँ | उस नगर में िानश्रुतत नामक एक रािारहते Read more…